New Delhi: सिडनी में बढ़ाई शान, पर क्रिकेट बोर्ड की राजनीति से हारा, इस टीम से कभी ना खेलने का ऐलान

New Delhi: सिडनी में बढ़ाई शान, पर क्रिकेट बोर्ड की राजनीति से हारा, इस टीम से कभी ना खेलने का ऐलान

नई दिल्ली/बेंगलुरू: रणजी ट्रॉफी का आखिरी मैच खेलते ही इस बार खिलाड़ी बड़े-बड़े खुलासे कर रहे हैं. यह खुलासा करने वाले खिलाड़ी वो हैं, जिन्होंने भारत को बड़े मैचों में जीत दिलाई है. हनुमा विहारी इस कड़ी में नया नाम है, जिन्होंने सनसनीखेज खुलासा किया है. साथ ही कहा है कि अब वे अपनी स्टेट टीम (आंध्र) से नहीं खेलेंगे. दिन पहले ही बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा था कि वे जब एमएस धोनी से मिलेंगे तो पूछेंगे कि उन्हें शतक बनाने के बावजूद टीम इंडिया से क्यों ड्रॉप किया गया था. मनोज तिवारी ने यह बात उसी दिन कही थी, जिस दिन बंगाल का रणजी टूर्नामेंट से सफर खत्म हो गया था.

रणजी ट्रॉफी का क्वार्टर फाइनल हारने के साथ ही आंध्र का टूर्नामेंट से अभियान समाप्त हो गया. लेकिन इस मैच के बाद हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने जो कहा वह क्रिकेटजगत में चर्चा का विषय बना हुआ है. हनुमा विहारी ने कहा कि वे राज्य संघ के ‘दुर्व्यवहार’ के कारण अब कभी भी टीम के लिए नहीं खेलेंगे. हनुमा विहारी ने कहा कि उन्होंने सत्र के पहले मैच के बाद इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि उन्हें पद छोड़ने को कहा गया था.

हनुमा विहारी ने टीम के एक साथी (एक राजनेता के बेटे) पर भी निशाना साधा जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था कि एक मैच के दौरान उस पर चिल्लाने के बाद उसने अपने पिता से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था. विहारी ने अपने एक्स अकाउंट पर आंध्र टीम के अन्य खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले अपने बयान की प्रति भी साझा की और साथ में एक पंक्ति लिखी- ‘पूरी टीम जानती है (उस दिन क्या हुआ था).’

हनुमा विहारी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘दुखद बात यह है कि संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं. मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है.’

उन्होंने लिखा, ‘मैं टीम से प्यार करता हूं. जिस तरह से हम हर सत्र में प्रगति कर रहे थे वह मुझे पसंद है लेकिन संघ नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें.’ भारत के लिए 16 टेस्ट खेलने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज विहारी ने सत्र की शुरुआत आंध्र के कप्तान के रूप में की थी लेकिन पिछले साल के उपविजेता बंगाल के खिलाफ पहले मैच के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था.

हनुमा विहारी ने पहले कप्तानी छोड़ने के लिए ‘व्यक्तिगत कारणों’ को जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन अब उनका कहना है कि संघ ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था. विहारी ने कहा, ‘मैं बंगाल के खिलाफ पहले मैच में कप्तान था. उस मैच के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता है) से शिकायत की, बदले में उसके पिता ने संघ से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.’

इस मामले में जिस खिलाड़ी पर सवाल उठ रहा है वह केएन प्रुधवी राज है और उसने इंस्टाग्राम पर विहारी पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया. राज ने लिखा, ‘सभी को नमस्कार! मैं वही लड़का हूं, आप लोग जिसे कमेंट बॉक्स में खोज रहे हैं, आप लोगों ने जो भी सुना वह बिल्कुल झूठ है. खेल से बढ़कर कोई नहीं है और मेरा आत्म सम्मान किसी भी चीज से बहुत बड़ा है.

सिडनी में टाली थी निश्चित दिख रही हार  

हनुमा विहारी ने भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने ओपनिंग से लेकर तीसरे, पांचवें, छठे, सातवें नंबर तक बैटिंग की है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे टीम इंडिया के लिए कितने उपयोगी प्लेयर रहे हैं. हनुमा विहारी की 2021 की सिडनी की उस पारी को हमेशा याद किया जाता है, जब उन्होंने विकेट पर करीब 4 घंटे टिककर लगभग तय हार टाल दी थी. उनकी इस जीवट पारी को विदेशी धरती पर खेली गई बेहतरीन पारियों में शामिल किया जाता है.

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